सावन का महीना भोलेनाथ के प्रति अपार श्रद्धा और आस्था का प्रतीक माना जाता है. इस बार सावन में भोलेनाथ के साथ भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होगा. 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास रहने वाला है. धर्म शास्त्रों के अनुसार अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं. ऐसे में इस बार सावन में शिव जी के साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी

अधिक मास में शालीग्राम भगवान की उपासना से भी विशेष लाभ मिलता है. इस मास में प्राणी श्रीहरि विष्णु की आराधना करके अपने जीवन में आने वाली सभी विषम परिस्थितियों, समस्याओं, कार्य बाधाओं, व्यापार में अत्यधिक नुकसान आदि से संकटों से मुक्ति पा सकता है. विद्यार्थियों अथवा प्रतियोगी छात्रों को भी इनकी आराधना से पढ़ाई अथवा परीक्षा में आ रही बाधाओं से छुटकारा मिल सकता है I

अधिकमास में करें ये कार्य

सत्यनारायण भगवान की पूजा

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अधिकमास में श्रीहरि यानी भगवान विष्णु की पूजा करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. इसलिए अधिकमास में वैसे तो सभी प्रकार के शुभ कार्यों की मनाही होती है. लेकिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करना सबसे शुभफलदायी माना जाता है. अधिकमास में विष्णुजी की पूजा करने से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और आपके घर में धन वैभव के साथ सुख और समृद्धि आती है I

महामृत्युंजय मंत्र का जप

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अधिकमास में ग्रह दोष की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. बेहतर होगा कि आप किसी पुरोहित से संकल्प करवाकर महामृत्युंजय मंत्र का जप करवाएं. ऐसा करने से आपके घर से सभी प्रकार के दोष समाप्त होंगे और आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ेगा I

यज्ञ और अनुष्ठान

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अगर आप काफी समय से अपनी किसी मनोकामना को लेकर यज्ञ या अनुष्ठान करवाने के बारे में सोच रहे हैं तो अधिकमास का समय इस कार्य के लिए सर्वश्रेष्ठ है I पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अधिकमास में करवाए जाने वाले यज्ञ और अनुष्ठान पूर्णत: फलित होते हैं और भगवान अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं I

ब्रजभूमि की यात्रा

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पुराणों में बताया गया है कि अधिकमास में भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों की पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है I अधिकमास के इन 30 दिनों में अक्सर लोग ब्रज क्षेत्र की यात्रा पर चले जाते हैं I